STORYMIRROR

Vimla Jain

Action Children

3  

Vimla Jain

Action Children

नन्हे बच्चे नन्ही नन्ही उम्मीद

नन्हे बच्चे नन्ही नन्ही उम्मीद

1 min
976

हम जब होते नन्हे बच्चे तब होने वाली नन्ही नन्ही उम्मीदों की शब्दों में गाथा छोटा बच्चा क्या सोचता है उसकी छोटी-छोटी ख्वाहिशें जो मिलने पर वह खुश हो जाता है

यह सब शब्दों में पिरो कर उसकी एक माला बनाई है प्रस्तुत है 


नन्हे नन्हे बच्चे

होती उनकी उम्मीदें नन्ही

छोटी-छोटी उम्मीदों के साथ

थोड़ी सी खुशी मिलने पर खुश हो जाते,

क्योंकि उनकी होती उम्मीदें बहुत ही नन्ही।

होती उम्मीदें तो बड़े लोगों की 

बड़ी।

थोड़े बड़े होने पर वह बचपन चला जाता है।

जो नन्ही उम्मीदों से खुश हो जाता था। 

और उम्मीदों का विस्तार होता चला जाता है।

जो दिल दिमाग चांद की कहानियां सुनता था।

वह चांद पर जाने के सपने देखता है।

इसी तरह उम्मीदों का विस्तरण होता चला जाता है।

और कोशिश यह रहती है कि सब की नन्ही उम्मीदें पूरी हो।

बड़े होकर एक सपना बनकर न रह जाएं।

और वह सपना पूरा हो जाए।

उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए बहुत मेहनत तो

 बड़े होते बच्चों को भी करना पड़ेगी।

तभी उनके नन्हे -नन्हे सपने

जो बड़े होकर विराट रूप लेते हैं।

वे पूरे हो जाएंगे।

और वे जग में छा जाएंगे।

और अपनी जिंदगी में खुश हो जाएंगे और अपनों को खुश कर जाएंगे



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action