Shailaja Bhattad
Abstract
हर खामोशी के पीछे, दर्द का सन्नाटा नहीं होता
सबकी जिंदगी में, कोहरे का बादल नहीं होता।
===========================
इंद्रधनुष
माँ अम्बे
श्री राम
माँ जगदम्बा
होली
भक्त वत्सल रा...
बसंत पंचमी-1
वसंत पंचमी
कभी हार तो कभी जीत से, ये रास्ते ज़िन्दगी के इस सफ़र में, कभी हार तो कभी जीत से, ये रास्ते ज़िन्दगी के इस सफ़र में,
मन के अंतरंग कोनों से छन छन कर आती भावनाएं रचती हैं कविताएं। मन के अंतरंग कोनों से छन छन कर आती भावनाएं रचती हैं कविताएं।
लोग कहते माँ मुझे पर मैं बड़ी असहाय हूँ॥ लोग कहते माँ मुझे पर मैं बड़ी असहाय हूँ॥
जीवन बदल दिया । शब्द नाद ने ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया । जीवन बदल दिया । शब्द नाद ने ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया ।
प्रभु मूरत देख कर देवता अयोध्या में रहे, ये करें विचार। प्रभु मूरत देख कर देवता अयोध्या में रहे, ये करें विचार।
एक हल्की सी हँसी को हमारी, कत्ल ~ए ~आम का नाम दिया।। एक हल्की सी हँसी को हमारी, कत्ल ~ए ~आम का नाम दिया।।
सूरज की किरणों से आज, स्वयं नग्न जल जाऊं मैं सूरज की किरणों से आज, स्वयं नग्न जल जाऊं मैं
वो बचपन के दिन सपनों जैसे झिलमिल। वो बचपन के दिन सपनों जैसे झिलमिल।
कारण क्या था पता नहीं, थी मेरी कोई खता नहीं। कारण क्या था पता नहीं, थी मेरी कोई खता नहीं।
गुलामी की बेड़ियों को हमने कई वर्षों तक सहा है, क्या होती गुलामी लंबे समय तक महसूस किय गुलामी की बेड़ियों को हमने कई वर्षों तक सहा है, क्या होती गुलामी लंबे समय तक ...
मानव फिर क्यों रह सकता नहीं बिना मन मुटाव मानव फिर क्यों रह सकता नहीं बिना मन मुटाव
बस खाना - डरना और जनना, इतने में ही, इंसान क्यों पड़ा है? बस खाना - डरना और जनना, इतने में ही, इंसान क्यों पड़ा है?
प्यार की ये शमा जल रही है इधर भी उधर भी, दोनों तरफ ही मिलने की चाहत एक सी लगी हुई है, प्यार की ये शमा जल रही है इधर भी उधर भी, दोनों तरफ ही मिलने की चाहत एक सी लगी...
बच्चे कब समझ पाते अपने माँ बाप की भावना ,उनकी परेशानी और जब तक समझते हैं जब खुद उसी जगह खड़े होते है... बच्चे कब समझ पाते अपने माँ बाप की भावना ,उनकी परेशानी और जब तक समझते हैं जब खुद...
रावण को देखा, फिर शीश झुकाया उसने बड़े प्यार से मुझे उठाया गले लगाया, मेरी पीठ थपथपाया रावण को देखा, फिर शीश झुकाया उसने बड़े प्यार से मुझे उठाया गले लगाया, मेरी ...
मधुर मुस्कान नैनों की भाषा कान्हा तेरी है मतवाली मधुर मुस्कान नैनों की भाषा कान्हा तेरी है मतवाली
बदनामियां बचाए हुए तो हैं। नज़रों को झुकाए हुए तो है।। बदनामियां बचाए हुए तो हैं। नज़रों को झुकाए हुए तो है।।
सृष्टि के संचालन में अहम् भूमिका है, एक पिता का होना ----------- सृष्टि के संचालन में अहम् भूमिका है, एक पिता का होना -----------
वक्त का क्या मौका ये आए न आए, कि ढह चला है किला दरार के साथ। वक्त का क्या मौका ये आए न आए, कि ढह चला है किला दरार के साथ।
मत बाँधिए नियमों की जंज़ीरों से, आज़ाद जीना चाहती हूँ मैं; मत खींचिए कोई लक्ष्मण रेखा, बेखौ... मत बाँधिए नियमों की जंज़ीरों से, आज़ाद जीना चाहती हूँ मैं; मत खींचिए कोई ल...