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Pratibha Jain

Classics

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Pratibha Jain

Classics

नीरज

नीरज

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नीरज इतिहास रच दिया

घूमिल कैसे होनें देते

ख़्वाब जो आंखों में पाला था,

हम वंशज हैं राणा के

हाथों में भाला थामा था

चंद मिंटो में नया इतिहास लिखना था,

जो इतिहास हमनें पढ़ा था।

नीरज इस पार था 

भाला उस पार था

बीच मे क़लम हमारी थी

सोने को सोने से लिख दिया था

नीरज तुमनें इतिहास रच दिया

आज़ाद भारत को फ़िर आज़ाद कर दिया

वंशज है हम राणा के फ़िर याद करा दिया।



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