Ranjeet Jha
Abstract
कब आती है ?
कब जाती है ?
कब आ-आकर
चली जाती है ?
पता नहीं चलता
नींद
महीने के मेहनताने सी
कभी सेवेंटी परसेंट
कभी फिफ्टी परसेंट
आती है
जाती है
कब ख़त्म हो जाती है
पता नहीं चलता।
नये साल में न...
जामुन
माँ
कोरोना करप्श...
वो आम आदमी !
बंगाल
नया फ़ोन
खटमल
दो का आलू
मौन भी मृत्यु...
उपहार दिए सुन्दर सुन्दर, पूछे कोयल कब आओगे कंत।। सखि देखो आया बसन्त।। उपहार दिए सुन्दर सुन्दर, पूछे कोयल कब आओगे कंत।। सखि देखो आया बसन्त।।
सरस्वती पूजन से अब करेगे आरंभ, देखो आए है मेहमान बसंत। सरस्वती पूजन से अब करेगे आरंभ, देखो आए है मेहमान बसंत।
दिल और दिमाग की लड़ाई आज भी जारी है। दिल और दिमाग की लड़ाई आज भी जारी है।
सुनो मिताली मीठे गीत सुनाए, जब सुहाना बसंत ऋतु आए।। सुनो मिताली मीठे गीत सुनाए, जब सुहाना बसंत ऋतु आए।।
श्री कृष्ण के अलावा..... कभी कोई हमसफ़र ही ना मिले..... श्री कृष्ण के अलावा..... कभी कोई हमसफ़र ही ना मिले.....
संशोधन हुए बारबार। सार्थकता रही आरपार। संशोधन हुए बारबार। सार्थकता रही आरपार।
तेरी वासना का भूजंग तो नया बहाना बनकर के हमें डस लेगा। तेरी वासना का भूजंग तो नया बहाना बनकर के हमें डस लेगा।
तो इस जीवन में सबको मिलते पुण्य हज़ार हैं। तो इस जीवन में सबको मिलते पुण्य हज़ार हैं।
स्वर्ग से सुंदर वतन हमारा, हम को इससे प्यार है।। स्वर्ग से सुंदर वतन हमारा, हम को इससे प्यार है।।
तिरंगा जो फहराया आसमान में। सपने अपने पूरे हुए जहान में। तिरंगा जो फहराया आसमान में। सपने अपने पूरे हुए जहान में।
वो बच्चे जिनकी मां नहीं होती है। जमाने से नाराज होकर कहां जाते है ? वो बच्चे जिनकी मां नहीं होती है। जमाने से नाराज होकर कहां जाते है ?
हाथ जोड़कर है आप से निवेदन, रक्त दाताओं का आओ करें अभिनंदन। हाथ जोड़कर है आप से निवेदन, रक्त दाताओं का आओ करें अभिनंदन।
मौन कभी रखकर वाणी में, अमृत सा रस भरती हैं।। मौन कभी रखकर वाणी में, अमृत सा रस भरती हैं।।
महकेगी ये धरा तभी,जब आपस में होगा भाईचारा। शत्रुता केवल रक्त बहाती, जग में फैलाता अंधिया महकेगी ये धरा तभी,जब आपस में होगा भाईचारा। शत्रुता केवल रक्त बहाती, जग में फै...
मालती लताओं की कोमल डालियाँ झूम उठी बसंती - बहार में। मालती लताओं की कोमल डालियाँ झूम उठी बसंती - बहार में।
इन गोश्त के भूखे चीलों को, आत्म शक्ति से निढाल कर तब सही मायने में तू सबला कहलायेगी। इन गोश्त के भूखे चीलों को, आत्म शक्ति से निढाल कर तब सही मायने में तू सबला कह...
चाहते नहीं आज हम दौलत, दिया होता सहारा हमको।। यह कदम हम नहीं उठाते-----------------।। चाहते नहीं आज हम दौलत, दिया होता सहारा हमको।। यह कदम हम नहीं उठाते-----------...
पीछे से तुम झुलाया करते थे कहां गए वह पुराने फुर्सत के दिन मोहब्बत के दिन। पीछे से तुम झुलाया करते थे कहां गए वह पुराने फुर्सत के दिन मोहब्बत के द...
इसकी महिमा न गा पाएं, ब्रह्मा विष्णु महेश।। इसकी महिमा न गा पाएं, ब्रह्मा विष्णु महेश।।
मुखड़े के पीछे मुखड़ा है, आँखों ने जाना है ! आज घटा है वैमनस्य तो, जन मन है हर्षाया मुखड़े के पीछे मुखड़ा है, आँखों ने जाना है ! आज घटा है वैमनस्य तो, जन म...