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Ranjeet Jha

Abstract

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Ranjeet Jha

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खटमल

खटमल

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खटमल आवाज नहीं करता

चुपचाप आकर चूसता है 

अपने हिस्से का खून 

नियत समय पर 


तारीख पर 

जब आप सो चुके होते हो 

सोने वाले होते हो 

वो नींद भी चुसता है 


बैचेन भी करता है 

धीरे-धीरे 

वो इतना ही छोड़ता है 

जिस्म में खून 


ताकी जिंदा रह सके 

दे सके उसे 

उसकी अगली क़िस्त

खटमल आवाज़ नहीं करता 

दबे पाँव आता है। 


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