उसकी अगली क़िस्त खटमल आवाज़ नहीं करता दबे पाँव आता है। उसकी अगली क़िस्त खटमल आवाज़ नहीं करता दबे पाँव आता है।
नहीं कोई सुकून है ना दिल को करार है बस उसकी ही चाहत बेशुमार है नहीं कोई सुकून है ना दिल को करार है बस उसकी ही चाहत बेशुमार है