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aazam nayyar

Abstract

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aazam nayyar

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नीम का पेड़

नीम का पेड़

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नीम का था पेड़ मेरे गांव में! 

दोस्तों के साथ खेला करते थे 


शहर के ही लोगों में उल्फ़त नहीं 

प्यार है लोगों में मेरे गांव में 


यादें बचपन की फ़िर ताजा हो गयी 

हां लगे है झूलें मेरे गांव में 


खेला करते थे गुल्ली डंडा जहां

आज भी है बाग मेरे गांव में


इसलिये है प्यार की ख़ुशबू यहां 

है गुलों के बाग मेरे गांव में 


शहर में है नफ़रतों के लहजे है 

प्यार है बस "आज़म" मेरे गांव में।



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