नई पीढ़ी का जुड़ाव
नई पीढ़ी का जुड़ाव
भुला दिया था नई पीढ़ी ने,
जिन चीजों को आके।
काम में आ रही वो ही चीजें,
खुश हो रहे वो पाके।।
देख महाभारत रामायण,
जुड़ रहे धर्म से आके।
धूल झाड़ के पड़े किताबें,
जाने ज्ञान वो पा के।।
छत पे जाके पतंग उड़ायें,
खेले कंचा जाके।
अंदर बैठे अट्टू खेलें,
फेंकें रंग-रंग पांसे।।
सांप सीढ़ी का खेल निराला,
खेले मन लगा के।
बच्चे-बूढ़े साथ में खेलें,
हंसते गाल फुला के।।
स्वास्थ्य के प्रति संजीदा हो गए,
खुशी भए गुण पा के।
ठोकर खाके अक्ल आ गई,
अब सम्हले वो आके।।