बिन गुरु व्यर्थ है जीवन
बिन गुरु व्यर्थ है जीवन
सही कहा है किसी ने कि गुरु के
बिना ज्ञान नहीं होता
लाख ख़ूबियाँ पाने के बावजूद
भी बस वो गुरु ही है
जिसे अपनी खुबियों पर कभी
अभिमान नहीं होता
सभी रास्ते पता करके देखे हैं मैने
पर यकीन मानो यारों सब फ़िज़ूल था
गुरु के बिना कोई रास्ता पार
नहीं होता
सही कहा है किसी ने कि गुरु के
बिना ज्ञान नहीं होता
कोशिशों से एकलव्य तो बना जा
सकता है
पर गुरु के बिना उन कोशिशों का
भी कोई परिणाम नहीं होता
एकलव्य भी बेबुनियाद होता
आज सब की तरह ही
अगर उसके मस्तिष्क में गुरु द्रोण
का नाम न होता
माना द्रोण का मतलब ही सही
एकलव्य से गुरु-दक्षिणा मांगने में
लेकिन अगर एकलव्य ने
गुरु-दक्षिणा न दी होती तो एकलव्य
इतना महान न होता
सही कहा है किसी ने कि गुरु के
बिना ज्ञान नहीं होता
मुकम्मल जिन्दगी मिल जाने के
बावजूद भी वो गुरु ही है
जिसके बिना किसी शिष्य का
कभी नाम न होता
इसलिए सही कहा है किसी ने कि
गुरु के बिना ज्ञान नहीं होता
