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Mustafa Dhorajiwala Musa Shayar

Inspirational

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Mustafa Dhorajiwala Musa Shayar

Inspirational

ज़रूरत है

ज़रूरत है

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हमें अपने दिलों से दिल मिलाने की ज़रूरत है

अमन के फूल हर मन में खिलाने की ज़रूरत है


अंधेरी हो गयी दुनिया, है नफरत की सियाह रातें

मोहब्बत का दिया फिर से जलाने की ज़रूरत है


ना जाने भेद भावों ने है ली कुर्बानियाँ कितनी

हमें इन भेद भावों को मिटाने की ज़रूरत है


तू मुस्लिम है, तू हिन्दू है, तू ईसाई तू सिख है ना

ये कहकर जान लेना बंद कराने की ज़रूरत है


इबादत मैं करूँ अपनी, तू पूजा आरती कर ले

फ़क़त रास्ता है रास्तों को समझने की ज़रूरत है


सही तू है ग़लत मैं भी नहीं अपने तरीक़ों पर

तुझे मुझ को मुझे तुझ को समझने की ज़रूरत है


ख़ुदा ने जब बनाया ये जहाँ दिया पैग़ाम उल्फ़त का

वही "मूसा" ज़माने को सिखाने की ज़रूरत है



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