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Mustafa Dhorajiwala Musa Shayar

Abstract

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Mustafa Dhorajiwala Musa Shayar

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ख़्वाब

ख़्वाब

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थोड़ा जीने का ख़्वाब देखा है

थोड़ा मरने का ख़्वाब देखा है !


रात भर  जागकर,  सवेरे  तक

तुझसे मिलने का ख़्वाब देखा है !


तेरी  तस्वीर  हाथ  में  लेकर

तुझको पाने का ख्वाब देखा है !


दर्द  इतने  है  जिंदगी  में, के

मुस्कुराने  का, ख़्वाब देखा है !


रोज़ ख़्वाबों में तुझको छूता हूँ

आज छूने का, ख़्वाब देखा है !


तेरे सर ने, सुना है आज की शब

मेरे  सीने  का  ख्वाब देखा है !


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