ख़्वाब
ख़्वाब
थोड़ा जीने का ख़्वाब देखा है
थोड़ा मरने का ख़्वाब देखा है !
रात भर जागकर, सवेरे तक
तुझसे मिलने का ख़्वाब देखा है !
तेरी तस्वीर हाथ में लेकर
तुझको पाने का ख्वाब देखा है !
दर्द इतने है जिंदगी में, के
मुस्कुराने का, ख़्वाब देखा है !
रोज़ ख़्वाबों में तुझको छूता हूँ
आज छूने का, ख़्वाब देखा है !
तेरे सर ने, सुना है आज की शब
मेरे सीने का ख्वाब देखा है !
