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Rakhi Vaishnav

Inspirational

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Rakhi Vaishnav

Inspirational

मुश्किलें जरुर है

मुश्किलें जरुर है

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मुश्किलें जरुर है, मगर ठहरी नही हूं मैं

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंची नही हूं मैं।


कदमों को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,

रास्तों से जरा कह दो, अभी भटकी नही हूं मैं।


सब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगी,

दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजी नही हूं मैं।


दिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,

मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदली नही हूं मैं।


साथ चलता है, दुआओं का काफिला

किस्मत से जरा कह दो, अभी तन्हा नही हूं मैं।


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