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Sumit. Malhotra

Romance

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Sumit. Malhotra

Romance

निगाहों को बोलने दो

निगाहों को बोलने दो

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जुबां से नहीं तो निगाहों को बोलने दो, 

दिल में जो तुम्हारे है वो राज़ खोल दो। 


मेरे दिल को अपने दिल में जगह दे दो, 

मेरी रूह में अपनी रूह को मिलाने दो। 


ईशारे-ईशारे में इज़हार इकरार कर दो, 

तुमसे इल्तिजा इतनी अब कह लेने दो।


प्यार का इज़हार तो हमसे अब कर दो, 

हमने तो कर दिया तो तुम अब कर दो। 


प्यार कहें रब का दूसरा रूप ये कह दो, 

हम प्रेम का सजदा करें तुम भी कर दो। 


बेदर्द ज़माने से डरना न सामना कर दो, 

कुछ करदे ये दोबारा मौका कोई ना दो।


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