Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Gurudeen Verma

Abstract

4  

Gurudeen Verma

Abstract

नहीं, अब ऐसा नहीं होगा

नहीं, अब ऐसा नहीं होगा

1 min
290


करूँगा नहीं अब यह कोशिश,

कि फैले कोई ऐसी चर्चा,

उस गली या उस शहर में,

जहाँ है तेरा मकान,

जहाँ से निकलता हूँ मैं,

रोज देखने को तेरा चेहरा।


नहीं, अब ऐसा नहीं होगा,

कि उड़े गर्द उस राह में,

जिससे हो तकलीफ तुमको,

दम लेने और निकलने में,

जहाँ से है रोज निकलना तेरा।


भरूँगा नहीं अब यह दम,

कि ठेस पहुंचे तुम्हारे विश्वास को,

और नहीं रहे तुमको मुझपे भरोसा,

जिस पर पछताना पड़े मुझको भी,

और दिखा नहीं सकूँ तुमको अपना चेहरा।


नहीं, अब नहीं होगी वह गलती,

कि बहे आँसू तेरी आँखों से,

और टूट जाये तुम्हारे सपनें,

चला जाये चैन तुम्हारे दिल का,

और माफ नहीं कर मुझको भगवान भी।


जिन शब्दों से हो तुमसे तकलीफ,

जिन शरारतों से तुम्हारी बदनामी,

जिन हरकतों से हो तुम्हारी बर्बादी,

जिस मजाक से हो तुम्हारा अपमान,

नहीं, अब ऐसा नहीं होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract