STORYMIRROR

Sandeep Kumar

Abstract

4  

Sandeep Kumar

Abstract

नेहरू आकर देखो जरा LOC पर क्या होने लगा

नेहरू आकर देखो जरा LOC पर क्या होने लगा

1 min
23K


शक्ति महाशक्ति में

घोखे से खोने लगा

धमंड में इतना चूर

खुद बखूद होने लगा।।


नेहरू आकर देखो जरा

LOC पर क्या होने लगा

हिंदी चीनी भाई भाई

धूमिल कैसे होने लगा।।


5 चीनी 3 भारतीय

सैनिक कैसे सोने लगा

हिंसक झड़प रात्रि में

कैसे कैसे होने लगा।।


जगह-जगह रोड़ा 

तेरे भुल से आने लगा

दर दर ठोकर भारतीय

चीनी से कैसे खाने लगा।।


दोस्त नेपाल भी अपना

पाला कैसे झाड़ने लगा

मिश्री जवां से जहर कैसे

देखो ना निकालने लगा।।


चीनी के चक्कर में आकर

चरित्र अपना खोने लगा

नागरिक को निशाने पर

अपना बनाने लगा।।


नेहरू आकर देखो जरा

LOC पर क्या होने लगा

हिंदी चीनी भाई भाई

धूमिल कैसे होने लगा।।




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract