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Sundar lal Dadsena madhur

Abstract

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Sundar lal Dadsena madhur

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नए साल का स्वागत

नए साल का स्वागत

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कोरोना का साल(2020) गुजरने वाला है

शायद अब ठहरा वक्त भी चलने वाला है।

पता नहीं क्या होगा नए साल(2021) में

जाने अनजाने में क्या नया मिलने वाला है।

ये गुजरते लम्हें कभी कुछ न बोलेंगे

सुख दुख के तराजू में सबको तौलेंगे।

जाने किसको क्या मिला व क्यों मधुर।

ये उनके अनुभव ही तो उनको बोलेंगे।

कुछ सपने नई उम्मीदें व दबी सी ख्वाहिशें

नए तजुर्बे,पल भर की आजादी फिर बंदिशें।

कितना कुछ लेकर आया सब कुछ लुटाकर।

कई बातें बताकर सर्दी गर्मी व बेमौसम बारिशें।

बीते वक्त की सोचकर अपना आज बरबाद न कर।

कैसा बिता कोरोना का साल ये कभी याद न कर।

व्यर्थ ही तू भविष्यकाल की चिंता न कर हे मधुर।

वर्तमान में जी और भूतकाल को आबाद न कर।

नया साल नई उम्मीदें लेकर नया दौर आने वाला है।

हर पल को खुलकर जी लो,वक्त न रुकने वाला है।

नए साल 2021 का स्वागत करो दिल खोल के मधुर।

कोरोना साल बदलने वाला है ठहरा वक्त चलने वाला है।



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