नारी
नारी


मैं नारी हूँ
मुझे हर बात को सहना आता है
हार को जीत मे बदलना आता है
रखती हूं दफन दिल मे हजार सवालों को
नहीं करती किसी से जाहिर अपने जज्बातों को
अगर उठे नज़र किसी की मुझपर
तो मै फोड़ देती उनकी आँखों को
अगर उठे कोई हाथ मेरे जिस्म पर
तो काट देती तलवार से उन जालिम हाथो को
मैं नारी हूँ।