नारी
नारी
तुम जीवन हो,
तुम शक्ति हो,
तुम्ही आस्था भक्ति हो
साज़ तुम्ही - आवाज़ तुम्ही,
उत्सव का आगाज़ तुम्ही
जीवन के कोरे कागज़ की,
तुम्ही लेखनी पंक्ति हो
श्रृंगार तुम्ही - सुविचार तुम्हीं,
जीवन का त्यौहार तुम्हीं,
त्यौहारों में रंग तुम्हीं,
सांसारिक विस्तार तुम्हीं
तुम प्यारी और दुलारी हो
जयघोष करो तुम नारी हो।