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Kaushik Mishra

Drama

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Kaushik Mishra

Drama

नारी

नारी

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तुम जीवन हो,

तुम शक्ति हो,

तुम्ही आस्था भक्ति हो


साज़ तुम्ही - आवाज़ तुम्ही,

उत्सव का आगाज़ तुम्ही

जीवन के कोरे कागज़ की,

तुम्ही लेखनी पंक्ति हो  


श्रृंगार तुम्ही - सुविचार तुम्हीं,

जीवन का त्यौहार तुम्हीं,

त्यौहारों में रंग तुम्हीं,

सांसारिक विस्तार तुम्हीं


तुम प्यारी और दुलारी हो

जयघोष करो तुम नारी हो।


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