नारी सशक्तिकरण
नारी सशक्तिकरण
आज का वक़्त बदल देगी,
ऐसी वो सशक्त होगी।
खोल कर अपना हर पाश,
कर देगी दुश्मनों का सर्वनाश।
दे-दे टक्कर चट्टानों को भी,
ऐसी वो सशक्त होगी।
माँ, बेटी, बहन सारे रूपों को निभाती है,
दो-दो कुलों की लाज भी कहलाती है।
सबको मुँह तोड़ जवाब देगी,
हर रोज़ वो सशक्त होगी।
घर को स्वर्ग बनाती है,
ख़ुशियों का संसार सजाती है।
दुनिया को नया आयाम देगी,
ऐसी वो सशक्त होगी।
ऐसी वो सशक्त होगी।।