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वीर सैनिक

वीर सैनिक

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बेटा हूँ भारत माँ का, इसकी सेवा करूँगा,

इसके लिए हूँ जीता, इसके लिए मरूँगा।

जो देखे आँख उठाके, सीना छलनी कर दूँगा,

चरणों में इसके शीश अपना, अर्पण कर दूँगा।

चंदन है इसकी माटी, नित तिलक लगाऊंगा,

रक्तधारा मैं बहाकर, तेरा अभिषेक कराऊंगा।

झुके न ध्वज तेरा कभी, ऊँचा लहराऊंगा,

सांस टूटे जो, तिरंगे में लिपट मैं आऊंगा।

घर में है बूढ़ी माता, पत्नी का श्रृंगार है,

सरहद पर इनसे दूर हूँ, देश ही परिवार है।

वतन है मेरी आन-बान, मुझे इससे प्यार है,

सलाम भारत माँ को, मेरा बार-बार है।


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