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सरफिरा लेखक सनातनी

Inspirational

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सरफिरा लेखक सनातनी

Inspirational

नारी शक्ति

नारी शक्ति

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मां की ममता मां जाने 

     या जाने जग दाता

    मां से दृष्टि मां से सृष्टि

     जिसे रचे विधाता!


यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।

यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः। 


नारी से ही राम थे 

नारी से ही धाम थे 

नारी से ही नारी है

नारी से योगी भगवान थे।


नारी की शक्ति इस धरा पर सबसे शक्तिशाली है

नारी ही सबसे पहले बलिदान देने वाली है। 


नारी नारी करते हो नारी का सम्मान करो 

उठाओ शस्त्र हाथ में अब शत्रु का संहार करो। 

मिट ना पाए कोई नारी 

फिर से तुम घनश्याम बनो। 


बनो तुम राम और बलवान 

इसी बात को ध्यान धरो

युद्ध में बढ़ जाओ यदि

 राम सा प्रहार करो

मीट ना पाए कोई नारी 

फिर से तुम घनश्याम बनो। 


नारी के सम्मान में


देखो ना कितनी मेहनत करती हैं ये नारिया

धर्म की रक्षा के लिए बढ़ती जा रही जवानियां। 


इन के अंदर ही पन्ना है दुर्गा है

लक्ष्मीबाई की कहानियां

इन के हर शब्द में धर्म की पुकार है

इनकी मिटती नहीं निशानियां। 


राष्ट्रहित के राष्ट्रधर्म पर 

हमने राष्ट्र की बात की है

किन्तु दुर्गा नहीं हम

हमने दुर्गा की तलवार ली है। 


मिटा नहीं सका कोई शत्रु हमें

चाहे पद्मावती की जिंदगी जी है सर काट देंगे हाड़ा रानी की तरह

नहीं कभी हमने गुलामी की है। 


लक्ष्मीबाई बन के मैं भी तलवार उठाऊंगी

रणचंडी बन मैं भी रणथल में जाऊंगी। 


बचाऊंगी इस धरा की धरातल को

यहां की मिट्टी मुझे आशीर्वाद देगी

एक एक खून के कतरे में 

वंदे मातरम होगा

होगा भगवा हाथ में धड़ से धड़ तार दूंगी। 


मां भारती की कसम है मुझे 

मैं रणथल नहीं छोडूंगी

मैं भगवाधारी हूं अपना धर्म नहीं छोडूंगी। 


मेरे खून से भगवा और रंगेगा

चाहे आहुति हो मेरे प्राण की

नारी का सर नहीं झुकेगा

बात है अब सम्मान की। 


गवाही देने खुद आएगा भगवा मेरे प्राणों के बलिदान की!!

सरफिरे की कलम ने लिखी 

बात नारी के सम्मान की

मेरी कलम जब लिखती है 

लिखती है बात बलिदान की!!



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