नारी होना
नारी होना
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एक नारी होना बड़ा कठिन है
ये होता एक पत्थर का जिन है
इस पे निशाँ होना सरल नहीं है
रगड़ना पड़ना खुद को हर दिन है
बहुत कुछ सहना पड़ता है
ख़ुद को जलाना पड़ती है
तब बनता नारी का जिस्म है
एक नारी होना बड़ा कठिन है
अपनी इच्छा छोड़नी पड़ती,
जीते जी विष घूंट पीनी पड़ती,
तब बनती नारी की जिंदगी है
ये नवसृजन करने वाली बीन है
नारी होने के लिये आसमाँ से,
तारे तोडने पड़ते गिन-गिन है
एक नारी होना बड़ा कठिन है
ये होता पत्थर का एक जिन है
प्रभु की असीम कृपा बरसती है
तब एक नारी की रूह बनती है
नारी की ख़ुदा के बाद यहां पर,
होती सर्वोत्तम जीवों में गिनती है।