नारी - एक प्रेरणा
नारी - एक प्रेरणा
कृपासागर विश्वविजेता, भक्तिसागर जग में दाता,
श्याम दिवानी है वो, मीरा मीरा।
प्रेमसागर आंखो में ज्वाला, धुरंदर एक वो सुलताना,
हिंदुस्तान कि शहेंशाह, रज़िया रज़िया।
दयासागर है वो मामा, बलिदानी त्यागमूर्ति का,
शिवराय की है वो माँ, जीजा माँ ,जीजा माँ।
रणचंडी वो हिम्मतवाली,झांसी की रानी शक्तिधारी,
खूब लड़ी मणिकर्णिका, लक्ष्मीबाई लक्ष्मीबाई।
क्या था अब डर, लोगों को लगे वो अशिक्षित,
पर सरस्वती थी लबों पर, नाम उनका है बहिना।
कीर्ति उनकी विश्व में सारे, प्रधान थी वो भारत की सारे,
दुश्मन सारे थे घबराएं, ऐसी थी महान, इंदिरा इंदिरा।
कोमल हृदयी नाजुकता, विश्वसुंदरी है वो सुनयना,
देशका गौरव बढ़ाये, ऐश्वर्या ऐश्वर्या।
कोई माता, कोई बहना, कोई दोस्त या वो पत्नी,
नारी शब्द है बस एक, पर रूप है उसके अनेक।
आसमां में गूंजे एक ही नारा, प्रतिभा हो या मलाला,
बुद्धिमत्ता उसकी महान, है वो प्रेरणा।