जीवन का क्रिकेट
जीवन का क्रिकेट
जीवन एक क्रिकेट है, खिलाड़ी है राम ।
अंतस विराजमान परमात्मा को, कोटि- कोटि प्रणाम।।
जीवन का क्रिकेट देखो, खेले दुनिया सारी।
दिल दिल्ली में खेल मचा है, राम रावण बलकारी।।टेक।।
ग्यारह इंद्रियां चतुर खिलाड़ी,खेले वन नाइट डे ।
कभी रन बनाते शतक, कभी होते आउट अपने से।।1।।
मन सचिन कप्तान बना है, प्रदर्शन देखो कैसा है।
क्रिकेट किपर काल खड़ा है, कैच मूस बिलाई जैसा है।।2।।
बालक फेको दुर्गुणों का, कोई न तुझे रोक पाये ।
बैट्समैन बनाओ रन सद्गुण का, जो सबके मन भाये।।3।।
कभी बैट्समैन मारे चौका, कभी छक्का पक्का है ।
कभी जीतता कभी हारता, जीवन खेल कच्चा है।।4।।
मैं ही द्वंदी मैं प्रतिद्वंदी, दोनों में ही मैं ही हूं।
जीत हार मेरा ही होता, हर्ष शोक में मैं ही हूं।।5।।
यहां नहीं कोई पाक- भारती, न कोई प्रतिद्वंदी है ।
दिल पाक होता हमारा, हरदम रहे बुलंदी है।।6।।
सद्गुरु संत कोच हमारे, गलती हमें बताते हैं।
गलती सुधरी प्रदर्शन अच्छा, स्ववर्ड हमें दिलाते हैं ।।7।।
चेतन अंपायर है यारों, सभी खेलों को खेल रहा।
चाहे जैसा तुम खेलो सभी खेलों को लेख रहा।।8।।
दिनेंद्र मैंन ऑफ मैंच सीरीज, तुम्हीं को ही लेना है ।
चाहे जैसा भी हो जाये, खुशियां सब को देना है।।9।।
