माँ
माँ
भावों को किन शब्दों में बहाऊं
कौन सा सुरीला नगमा मैं गांऊ,
ताकि तेरी ममता की महिमा को
मैं मोतियान माला में सजा पाऊं।
तुम प्रकाश का सृजनमय कुंज हूं
सच में तुम अथाह शक्तिपुंज हो
तेरी हर दुआ ईश्वर को कबूल है।
कदमों में तेरे जन्नत की धूल है ।
ऋषि मुनियों ने कर वीणावादन
ग्रंथों ने तेरी महिमा को गाया है,
देबी मां से तुमको उपमित कर
मां तेरी महानता को दर्शाया है।
ममतामई वात्सल्यता की सूरत हो
मां त्यागमई आदर्शों की मूरत हो,
तपता मन शीतल करदे तुम ऐसी
हर मोसम की रिमझिम फुहार हो
मां तेरी छत्रछाया में सारा जीवन
अपना तुमको समर्पित कर पाऊं,
बन कदमों का पावन चरणामृत
मां तेरे शुभ चरणों में बह जाऊं ।