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Sangeeta Aggarwal

Inspirational

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Sangeeta Aggarwal

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नारी भर ले चंडी का भेस

नारी भर ले चंडी का भेस

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औरत की इज़्ज़त है लुटती बीच भरे बाज़ार 

खड़ी भीड़ तमाशा देखती होकर के लाचार ,

कैसी ये दुनिया है जहाँ नारी का सम्मान नही 

क्यों भूला इंसान है वो भी कोई सामान नही ,

कभी बेटी नही थी सुरक्षित अब माँ की इज़्ज़त भी तार तार हुई 

जन्म जिस पुरुष को देती औरत आज उसी से दागदार हुई,

कितने शर्म की बात है जहाँ नारी देवी सी पूजी जाती है 

वहीं वो सबसे ज्यादा अपनी लाज़ गँवाती है ,

क्यों औरत अपनी ताकत पहचान नही पाती है 

क्यों ऐसे हैवानों के आगे हर बार वो झुक जाती है ,

ऐ नारी बचाने को लाज़ अब तुझे चण्डी का भेस है भरना होगा 

जो उठे हाथ तेरी तरफ उस हाथ को तन से अलग तुझे करना होगा ,

तभी तू लाज़ अपनी बचा यहाँ पायेगी 

वर्ना हवस के भेड़ियों द्वारा रौंदी जायेगी ,

जब तक दो चार के सिर धड़ से अलग नही होंगे 

ये बलात्कार के केस भारत से कम नही होंगे।



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