नारायणी माता
नारायणी माता
“जय जय हे नारायणी, देवी शैलपुत्री माता,
तुमसे है भक्तों का जन्म जन्म का नाता।
चैत्र नवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ हो गया,
तेरे चरणों में शीश झुकाने हर भक्त आता।“
माता शैलपुत्री तेरे दरबार का, है रूप बड़ा सुहाना,
आज तेरे दरबार में, एक भक्त आया है अंजाना।
मैया कर रहा है वह, बारंबार एक विनती तुमसे,
दे दो मैया अपने चरणों में, इसको कोई ठिकाना!
माता शैलपुत्री तेरे दरबार…………….
सारे संसार का तू भाग्य संवारती, माता शैलपुत्री,
इस सेवक को भी भवानी, रास्ता कोई दिखाना!
पहली पूजा तेरे नाम से है, करना इसे स्वीकार,
तेरे चरणों से मैया है, हमारा नाता बड़ा पुराना।
माता शैलपुत्री तेरे दरबार……. …..
जो सबका ठुकराया होता, पास तेरे वह आता,
माता बड़ी आशा है, दुखिया की लाज बचाना!
खाली हाथ तेरे दर से माता, कोई नहीं जाता,
इसके भी पथ से मैया, तू अंधेरा दूर भगाना।
माता शैलपुत्री तेरे दरबार…………….
माता तुम आदिशक्ति हो, और करुणा का सागर,
कृष्णदेव के मन में, नव ज्योति का पुंज जगाना।
हाथ जोड़ते सब तेरे, जग से हर दुःख को भागना,
असुरी शक्ति छुप जात, जब होता है तेरा आना।
माता शैलपुत्री तेरे दरबार…………..