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Kiran Bala

Abstract

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Kiran Bala

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"नादान दिल"

"नादान दिल"

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पल-पल टूटे, हर पल बिखरे

खाए ठोकर,उफ्फ न निकले


नाजुक-सा नादान ये दिल

बेचारा- सा हैरान ये दिल

खुशियाँ पा जाता है खिल

भुला द्वेष जाता घुल-मिल


उम्र के संग प्रतिक्षण निखरे

रहे नादान,ये कभी न बदले।



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