मयखाना
मयखाना
मैखाने में हुजूम देख कर लगता है कि
करोना है क्या चीज।
एक जाम अंदर जो पहुंचेगा तो
कोई महामारी हो निकाल फेंकेगा।
मिलजुलकर ही समाज बनता है
फिर क्या सामाजिक दूरी क्या डिस्टेंस
ये जाम तो बना ही है सब भूल जाने को।
अरे मर ही गए सही पर अफ़सोस तो न होगा
कि मर गए हम बिन दारू के।