मुस्कान
मुस्कान
मुझे फर्क नहीं की लोग,
मुझे खुदगर्ज कहें....
पर अपनी मुस्कुराहट की वजह,
कई मर्तबा मैं खुद ही हूं।
और फक्र है मुझे खुद पे कि,
अक्सर लोगों की मुस्कुराहट की,
वजह भी मैं ही हूं।
इसलिए अक्सर बेवजह,
भी मुस्कुरा लिया करती हूं मैं।
एक सशक्त नारी की यही पहचान है,
कि वो हर हाल में मुस्कुरा लिया करती है।
