मां!!!
मां!!!
मां तू तो है अनमोल...
है तेरा नहीं कोई मोल...
तेरे प्यार में न कोई मिलावट...
है ना कोई दिखावट...
कभी न आई तेरी ममता में गिरावट...
मां तू तो है अनमोल...
जाने कहां से लाती है...
तू इतना बड़ा दिल!
जिसमें इतनी ममता है समाई,
कि अपने बच्चों की बेरुखी...
भी तुझे नहीं देती है दिखाई।
जब बच्चे रूठ जाते हैं...
तब तेरा दिल नहीं लगता...
पर जब तू रूठ जाती है,
तब भी तू रखती है,
हम बच्चों का ख्याल।
मां,तू कैसे कर लेती है?
इतना प्यार हम सबको...
और समय के साथ साथ...
बढ़ती ही जा रही है,
तेरी ममता और तेरा प्यार।
मां,प्रभु की बनाई हुई सर्वोत्तम कृति है तू...
हर बच्चे के लिए,
प्रभु का दिया हुआ अनमोल उपहार है तू...
मां तू तो है अनमोल...
है तेरा नहीं कोई मोल...
