STORYMIRROR

Nitu Rathore Rathore

Abstract Romance

4  

Nitu Rathore Rathore

Abstract Romance

मुश्किल तो था

मुश्किल तो था

1 min
386


प्रेम में हैं तुम्हारे गहराई फिर भी तुम्हें ढूंढ़ना मुश्किल तो था

ढूंढते- ढूंढते मैं खुद ही बौरा गई सम्भलना मुश्किल तो था।


मुस्कुराती हुई तुम्हारी कुछ बातें मेरी जान ही ले गई थी

उन्हें भूल जाऊं कभी मैं ये भी याद रखना मुश्किल तो था।


कुछ उलझी-उलझी सी मैं खुद को खोल कर पढ़ रही हूं

खुद को समझकर तुमको भी समझना मुश्किल तो था।


कभी एक कहानी तो कभी तुम एक पहेली जैसे लगते हो

कविता की तरह हर एक पंक्ति सा पढ़ना मुश्किल तो था।


तुम तक नहीं तुम्हारी आत्मा के भीतर तक पहुँची हैं "नीतू"

अमूल्य हो मेरे लिए ये बात मन से कहना मुश्किल तो था।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract