मुक्तक
मुक्तक
चैन दिल को मिले यूँ पिंकी बोलना।
बन बसंती पवन बाग में डोलना।
चाँद आए निकल रात-दिन को समझ,
जुल्फ काली घनी यार मत खोलना।।
चैन दिल को मिले यूँ पिंकी बोलना।
बन बसंती पवन बाग में डोलना।
चाँद आए निकल रात-दिन को समझ,
जुल्फ काली घनी यार मत खोलना।।