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एहसास- ए- लखनवी

Tragedy

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एहसास- ए- लखनवी

Tragedy

मुक्तक

मुक्तक

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ऐ जिंदगी अब और मेरा इम्तहां न ले

मैं टूट जाऊँ मुझको ऐसी सज़ा न दे

कुछ तो सुकून कोई तो पल चैन का भी दे

चेहरे से अपने शिकन के बादल उतार दे.


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