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एहसास- ए- लखनवी

Tragedy

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एहसास- ए- लखनवी

Tragedy

मुक्तक

मुक्तक

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पी गयी प्यास को पानी समझ कर

जी गयी मौत जिन्दगानी समझकर

अश्क जब आंख से मेरी छलके

कर दिया खाक बेमानी समझ कर.


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