मुक्तक
मुक्तक
पी गयी प्यास को पानी समझ कर
जी गयी मौत जिन्दगानी समझकर
अश्क जब आंख से मेरी छलके
कर दिया खाक बेमानी समझ कर.
पी गयी प्यास को पानी समझ कर
जी गयी मौत जिन्दगानी समझकर
अश्क जब आंख से मेरी छलके
कर दिया खाक बेमानी समझ कर.