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डॉ मंजु गुप्ता

Inspirational

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डॉ मंजु गुप्ता

Inspirational

मुक्तक में ईश सत्ता

मुक्तक में ईश सत्ता

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एक तुम हो पिता जग में रखते सबका ध्यान , 

चेतन में साँसों का सफर करे हैं आसान ,

पाप , अनाचार जब धरती पर बढ़ता जाता ,

तब तुम आते दुष्ट दमन राम , नानक समान .1


तेरी कृपा का जगत में बरसे आशीर्वाद ,

सुबुद्धि का मुझ अज्ञानी को दीजिए प्रसाद ,

रच सकूँ तेरी महिमा में नित्य नूतन काव्य ,

हे प्रभु ! प्रीति , से भर मेरे अंतस का प्रसाद .2


हे प्रभु प्रियतम , सच्चिदानंद , ईश त्रिपुरारी ! ,

परोपकार में न्योछावर हो साँसें सारी ,

हो तुम सकल सृष्टि के सृजनहार हे नियंता !

विराजो मन मन्दिर में ' मंजु ' हे मनोहारी ! 3



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