मुझे मान न दे
मुझे मान न दे
तू मुझे मान न दे इवादते सम्मान
सम्भाल लूं राज कलम कमान
कह दे नजर समक्ष
मरता जीता नही भाता
जिंदा निंदा समान
संसार ऐ सम्मान सम्भाल कमान
सहन नही बेईमान
झूठ गलफड़े गालने का घोल
नही नारी बाद मोल
मुस्कान मेरी तेरी
तेरी खुशी मेरी
मंशा गर मंजूर नही
तू मुझे मान न दे
नही चाहिए तेरा इवादते सम्मान
सम्भाल लूं राज कलम कमान
माना तेरा कहा लिखावटी
गर हो विश्वास
ठुकरा दूं भेष बनावटी
न भये सजा- सजावटी
कही सुनी न चला जाये
पथ बने स्वयं राज
तेरी वहार में लीन मैं
तू रह मलीन मुझ में
गर है झूठी जुबां तू
मुझे मान न दे-इवादते सम्मान
सम्भाल प्रेम काल ऐ कमान
मरता जीता नही भाता
जिंदा निंदा समान
जो करें अपमान ऐ नारी
बन जाये विक्राल
संसार ऐ सम्मान- सम्भाल कमान
सहन नहीं बेईमान।