मुझे चलना है
मुझे चलना है


हवा के साथ -साथ
रुख बदलना,
मुझे तो अब चलना है,
मुझे अब चलना है।
कदम ना रोक पाये मेरे
अब कोई भी जंजीरें,
सीख लिया है मैंने अब
बंधनों से निकलना।
हर एक मोड़ को तोड़कर,
बनानी है सीधी राह,
आये अब कोई मुश्किलें,
मुझे तो अब इससे लड़ना है।
लिए आँखों, में सपने और,
लिए दिल में तरंगे,
हजा़रों बात उठती हैं
मन में मेरे और उमंगें,
सच अब तो इनको
करना है।
न कोई जज्बात और ना कोई
अहसास आड़े आएँगे।
क्योंकि इन्होंने ही सिखाया है
वक़्त से लड़ना मुझे।
वो रब साथ है मेरे इसका
यक़ीन है
क्योंकि उसने ही सिखाया है
वक़्त से लड़ना मुझे है।
हवा के साथ -साथ रुख
बदलना है, मुझे तो अब चलना है।