मुद्दत बाद
मुद्दत बाद
अंततः वो आदमी मिला
मुद्दत से जिसकी तलाश थी
उसके मिलने भर से
सकून है
खुशी है
आनन्द है
उमंग है
सच पूछिए तो जीने का
मजा मिल रहा है।
आजकल उससे हमारी
बातें हो रही हैं
खूब हो रही हैं
तरह तरह की।
दिलचस्प बात तो ये है
कि उसकी बातें कहीं और नहीं हैं।
जब कि इन्हें हर जगह होना चाहिये
आखिर मुद्दत बाद आदमी मिला है
और उसकी बातें हैं।
भई
आदमी है
सपना नहीं है
पर जाने क्यों लोगों को
सपना सा लगता है।