STORYMIRROR

Bhavyaa Gohil

Romance

4  

Bhavyaa Gohil

Romance

MOHOBBAT

MOHOBBAT

1 min
95

उस चाँद से खूबसूरत क्या है ?

वो आंखें जिनमे हमारे

लिए प्यार दीखता है

बंदगी तो सारा जहान


कर्ता है ऊपरवाले की

और इक हम है जो उनके

साये से भी इबादत करते है ...

उस तमन्नाह को पूरा होते महसुस किया है


इक दिल है ... जिस्की धड़कन से

हमारी सांस चलती है,

एक चेहरा है ... जिस्की मुसकान से

हम पे नूर आता है,


एक ही डोर से बंधी है रूह दोनों की

आँसू हमारे और उनके दिल में दर्द उठता है...

सिर्फ कागज़ की नज़्म में ही नहीं,

ज़िन्दा है आज भी मोहब्बत

जितनी पहले हुआ करती थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance