मोहल्ले की मोहब्बत
मोहल्ले की मोहब्बत
वो रानी थी इस मोहल्ले की
वो रानी थी इस मोहल्ले की
नौकर चाकर से हर रोज
इस मोहल्ले मे बीड थी
अकसर एक आदमी आया
और इस रानी का दिल चुराया
वो कहाँ से आया
किसी को भी मालूम नही
लेकिन एक क्षण भर मे
रानी का दिल चुराया
और गायब होगया
रानी इधर उधर ढूंड कर
थक गई, हाँ वो थक गई
लेकिन वो राजा वेशधार मे
सपनों कि राजा नींद पर आया
वो ही मोहल्ले की मोहब्बत।

