मोहब्बत
मोहब्बत
मोहब्बत आज़माती है
मिलती है फिर बिछड़ जाती है,
कभी अधरी पर मुस्कान लाती है
तो कभी रुलाती है,
ना जाने कितने सपने दिखती हैं,
जिन्दगी का सबसे खूबसूरत
अहेसाह करती है,
कुछ कसमों कुछ वादों से
होकर गुजर जाती है,
किसी कृष्ण के ही
हिस्से में राधा आती है,
मोहब्बत आज़माती है ना।।

