चांद!!
चांद!!
1 min
76
चांद को यूं आज बादलों ने घेरा है,
जैसे चांद बादलों से कह रहा है तू सनम मेरा है,
तू ही मेरी शाम तू ही मेरा सवेरा है,
बेवजह बेवक्त गुनगुनाते हर साज का सार तू मेरा है,
जैसे चांद का सनम बादल वैसे सनम इश्क तू मेरा है,
चांद को यूं आज बादलों ने घेरा है।।
