मोहब्बत
मोहब्बत
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दिल को किसी की आस नहीं है
आँखोँ में किसी की की प्यास नहीं है।
ए दौर है तन्हाइयों का दौर,
खुद के सिवा कोई साथ नहीं है।
अपनो ने ही मुझे बर्बाद कर दिया
गैरों का इसमे कोई हाथ नहीं है।
सारे ग़मों को सुलाकर सो जाऊँ
नसीब में वो सुकूँ की रात नहीं है।
गलती मेरी थी जो मैंने प्यार किया
खैर अब किसी से शिकायत नहीं है।
कोई तुझे चाहे कोई तुझे भी प्यार करे
'बिलगे' शायद तुझमे वो बात नहीं है !