तन्हाइयों में जिना सिख लिया।
तन्हाइयों में जिना सिख लिया।
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तन्हाइयों में जिना सिख लिया।
खुद के साथ रहना सिख लिया।
मुखवटों को तुम लाख बदल दो,
हमने चेहरे पढ़ना सिख लिया।
चिरागों से कहों गुरुर न करें।
हमने भी अब जलना सिख लिया।
रास्तों की परवाह आप ही करों,
हमने तो अब उड़ना सिख लिया।
किसी चाल में कभी फसेंगे नही।
हमने भी शतरंज खेलना सिख लिया।
खुशियाँ तुम अपने पास ही रखों,
हमने गम में जिना सिख लिया।
