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Surendra kumar singh

Abstract

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Surendra kumar singh

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मनुष्य और जिज्ञासा

मनुष्य और जिज्ञासा

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मनुष्य जिज्ञासा से

प्रकृति के मनुष्य बन जाने के

 सिलसिले को

आज के परिवेश में ढूंढ रहा था

 और सूत्रधार नेपथ्य से

 उसे ऐसे करने को

प्रेरित कर रहा था

उसे पता था

प्रकृति ही

 और केवल प्रकृति ही

मनुष्य प्रजाति को

आज के संकट से बाहर निकाल सकती है


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