मंजिल
मंजिल


मंजिल तेरी है निश्चित,
हटना नहीं है तुुझे लक्ष्य से।
छाँव हो या धूप हो,
डरना नहीं है तुुझे डर से।
मंजिल तेरी है निश्चित,
लड़ना है तुझे तेरे मन से।
फूल हो या काँटे हो,
चलना है तुझे हिम्मत से।
मंजिल तेरी है निश्चित,
हारना नहीं है तुझे मुश्किलों से।
सुख हो या दुःख हो,
रोना नहीं है तुझे गम से।
मंजिल तेरी है निश्चित,
सामना करना है तुझे वक्त से।
मंजिल तेरी है निश्चित,
सफल है तू तेरी सोच से।