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Harbansh Sharma

Romance

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Harbansh Sharma

Romance

मनाए किस तरह तुम को

मनाए किस तरह तुम को

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मनाए किस तरह तुम को पता है तुम न मानोगे,

मगर ये तय है कि मुझसे, ना तुम दूर भागोगे। 


गिले शिकवे करो खुलकर हमारी बात रहने दो,

पता है एक दिन खुद ही तुम मुझसे माफ़ी मांगोगे। 


छुड़ा कर हाथ जाना है तो बेशक देर ना करना,

मुझे मालूम है एक दिन तुम खुद ही लौट आओगे। 


यकीं खुद पर नहीं है पर भरोसा तुम पे है "हैरी",

करोगे घाव तो मरहम भी तुम खुद ही लगाओगे। 


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