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Krishna Bansal

Abstract Classics Inspirational

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Krishna Bansal

Abstract Classics Inspirational

मन में विचार उठा

मन में विचार उठा

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पूर्व दिशा से 

लालिमा लिए

चढ़ते सूरज की 

आलोकित रश्मियों को 

चारों तरफ फैलते देख 

मन में विचार उठा 

काश!

मानव भी अपनी प्रसन्नता की 

लहरें इसी तरह चारों ओर फैला सकता 

वातावरण में गर्माहट ला सकता और जीवन का पूर्ण आनंद ले सकता। 


आदमी अपने दुख, 

निराशा, विषाद,अवसाद की 

कुछ असली

कुछ काल्पनिक

अंधेरी गुफाओं में 

इस तरह जकड़ा हुआ है 

धंसा हुआ है

अंधेरे को ही अपनी नियति 

समझ बैठा है।


ऐ मानव 

अंधेरी गुफाओं से 

झांक कर तो देख

बाहर निकल कर तो देख

प्रकाश है

उजाला है 

रोशनी है 

चमक है चारों ओर

स्वयं भी आनन्दित हो 

दूसरों को भी कर।


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