मन करता है
मन करता है
मन करता है
आयना बन तुम्हारी कामरे की,
निहारती राहु, सामने आओ जब भी तुम
दिल बन तुम्हारा सिर्फ खुशिया दूँ, खुद से लू सारी गम
बन फूल गुलाब की, तुम्हारी जिंदगी महकाऊ
बरखा बन कभी तुम्हें अपने मोहब्बत से भिगाऊँ
सूरज की किरणे बन, करू प्यार का बाउचर
जिंदगी में, जब दुखों का बादल हो
बस एक विनति है तुमसे
बस एक विनति है तुमसे,
यूँ दीवानी तो बहुत है तुम्हारी
पर तुम्हारी दिल में रहने वाली सिर्फ हम हो।।

